some importent model of atom
Some important model of Atom (कुछ महत्वपूर्ण परमाणु मॉडल )
(A) टॉमसन का परमाणु मॉडल -
जे. जे. टॉमसन ने 1904 में परमाणु का प्रथम मॉडल दिया | इसे टॉमसन का तरबूज मॉडल भी कहते हैं | इसके अनुसार परमाणु इलेक्ट्रोनो तथा धन आवेशित द्रव्य से मिलकर बना है | परमाणु गोलाकार अति सुक्ष्म तथा विद्युत् उदासीन कण है |परमाणु में धन आवेशित द्रव्य समान रूप से फैला हुआ है तथा इलेक्ट्रान धन आवेशित द्रव्य में इस प्रकार धँसे हुए हैं जैसे तरबूज में बीज धँसे रहते हैं |
(B) रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल -
अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने अल्फ़ा - कणों के प्रयोग से नाभिकीय मॉडल दिया | इस मॉडल के अनुसार -
1) परमाणु गोलाकार, अति सूक्ष्म तथा विद्युत् उदासीन कण है |
2)परमाणु का समस्त धनावेश तथा लगभग समस्त द्रव्यमान उसके केंद्र में एक सूक्ष्म आयतन में संचित रहता है |
3)परमाणु में इलेक्ट्रान तथा प्रोटोन होते हैं |परमाणु में प्रोटोन उसके नाभिक में तथा इलेक्ट्रान नाभिक के बाहर होते हैं |
4)परमाणु में इलेक्ट्रान नाभिक के चारो ओर जिन पथो पर घूमते हैं, उन्हें इलेक्ट्रोनो की कक्षाएं कहते हैं |इलेक्ट्रान नाभिक के चारो ओर वृतीय कक्षाओं में घूमते हैं |
5) परमाणु का नाभिक परमाणु के इलेक्ट्रोनो को अपनी ओर आकर्षित करता है लेकिन वृतीय गति के कारण उत्पन्न अपकेंद्र बल इस बल को संतुलित करता है |
(C) बोर का परमाणु मॉडल -
सन 1913 में नील्स बोर ने अपना मॉडल दिया | जिसके अनुसार -
1)परमाणु के नाभिक के चारो ओर अनेक वृतीय कक्षाएं संभव हैं लेकिन इलेक्ट्रान इन सभी संभव कक्षाओं में नहीं घूमते |इलेक्ट्रान केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में घूमते हैं जिन्हे स्थायी कक्षाएं कहते हैं |
2) प्रत्येक इलेक्ट्रान के साथ उसकी गति तथा स्थिति के कारण ऊर्जा की एक निश्चित मात्रा निहित होती है |
3)इलेक्ट्रान स्थायी कक्षाओं में घूमते हुए ऊर्जा का उत्सर्जन नहीं करते |
4)स्थायी कक्षाओं में घूमते हुए इलेक्ट्रोनो का कोणीय संवेग h/2pi का पूर्ण गुणित होता है|
5)इलेक्ट्रोनो की कक्षाओं को क्रमशः K, L, M, N, ... ... . . आदि अक्षरों द्वारा प्रदर्शित करते हैं |
6) यदि इलेक्ट्रान ऊर्जा अवशोषित करता है तो वह अगली कक्षाओं में कूद जाता है ,और जब वह ऊर्जा उत्सर्जित करता है तो वह पिछली कक्षाओं में चला जाता है |
अवशोषित ऊर्जा का मान = E2 - E1
(A) टॉमसन का परमाणु मॉडल -
जे. जे. टॉमसन ने 1904 में परमाणु का प्रथम मॉडल दिया | इसे टॉमसन का तरबूज मॉडल भी कहते हैं | इसके अनुसार परमाणु इलेक्ट्रोनो तथा धन आवेशित द्रव्य से मिलकर बना है | परमाणु गोलाकार अति सुक्ष्म तथा विद्युत् उदासीन कण है |परमाणु में धन आवेशित द्रव्य समान रूप से फैला हुआ है तथा इलेक्ट्रान धन आवेशित द्रव्य में इस प्रकार धँसे हुए हैं जैसे तरबूज में बीज धँसे रहते हैं |
(B) रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल -
अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने अल्फ़ा - कणों के प्रयोग से नाभिकीय मॉडल दिया | इस मॉडल के अनुसार -
1) परमाणु गोलाकार, अति सूक्ष्म तथा विद्युत् उदासीन कण है |
2)परमाणु का समस्त धनावेश तथा लगभग समस्त द्रव्यमान उसके केंद्र में एक सूक्ष्म आयतन में संचित रहता है |
3)परमाणु में इलेक्ट्रान तथा प्रोटोन होते हैं |परमाणु में प्रोटोन उसके नाभिक में तथा इलेक्ट्रान नाभिक के बाहर होते हैं |
4)परमाणु में इलेक्ट्रान नाभिक के चारो ओर जिन पथो पर घूमते हैं, उन्हें इलेक्ट्रोनो की कक्षाएं कहते हैं |इलेक्ट्रान नाभिक के चारो ओर वृतीय कक्षाओं में घूमते हैं |
5) परमाणु का नाभिक परमाणु के इलेक्ट्रोनो को अपनी ओर आकर्षित करता है लेकिन वृतीय गति के कारण उत्पन्न अपकेंद्र बल इस बल को संतुलित करता है |
(C) बोर का परमाणु मॉडल -
सन 1913 में नील्स बोर ने अपना मॉडल दिया | जिसके अनुसार -
1)परमाणु के नाभिक के चारो ओर अनेक वृतीय कक्षाएं संभव हैं लेकिन इलेक्ट्रान इन सभी संभव कक्षाओं में नहीं घूमते |इलेक्ट्रान केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में घूमते हैं जिन्हे स्थायी कक्षाएं कहते हैं |
2) प्रत्येक इलेक्ट्रान के साथ उसकी गति तथा स्थिति के कारण ऊर्जा की एक निश्चित मात्रा निहित होती है |
3)इलेक्ट्रान स्थायी कक्षाओं में घूमते हुए ऊर्जा का उत्सर्जन नहीं करते |
4)स्थायी कक्षाओं में घूमते हुए इलेक्ट्रोनो का कोणीय संवेग h/2pi का पूर्ण गुणित होता है|
5)इलेक्ट्रोनो की कक्षाओं को क्रमशः K, L, M, N, ... ... . . आदि अक्षरों द्वारा प्रदर्शित करते हैं |
6) यदि इलेक्ट्रान ऊर्जा अवशोषित करता है तो वह अगली कक्षाओं में कूद जाता है ,और जब वह ऊर्जा उत्सर्जित करता है तो वह पिछली कक्षाओं में चला जाता है |
अवशोषित ऊर्जा का मान = E2 - E1
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