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Structure of the Flowers

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पुष्प की संरचना (Structure of Flower )-   पुष्प के विभिन्न भाग (Different parts of a flower )-  1)पुष्पवृंत (Pedicel )- पुष्प जिस डंठल से तने से जुड़ा होता है, उसे पुष्पवृंत कहते हैँ | 2) पुष्पासन (Thalamus )- पुष्पवृंत का अग्रस्थ भाग पुष्पासन है |इसके ऊपर पुष्प के अन्य भाग लगे होते हैँ | 3)बाह्यदलपुंज (Calyx )- यह पुष्प का सबसे बाहरी चक्र है |इसकी इकाई को बाह्यदल (sepal ) कहते हैं | 4) दलपुंज ( Corolla)- यह पुष्प का दूसरा चक्र है तथा बाह्यदलपुंज के भीतर की तरफ होता है |यह प्रायः रंगीन तथा सुन्दर होता है |इसका मुख्य कार्य परागण के लिए कीटों को आकर्षित करना है |इसकी इकाई को दल (Petal) कहते हैं | 5)परिदलपुंज (perianth )- जिन पुष्पों में बाह्यदलपुंज व दलपुंज में अंतर अस्पष्ट होता है  उन्हें परिदलपुंज कहते हैं |इसकी इकाई को परिदल ( tepal ) कहते हैं | 6)पुमंग (Androecium )- नर जननांगो को पुमंग कहते हैं | यह एक या एक से अधिक पुंकेसरों (stamens )से मिलकर बनता है | प्रत्येक पुंकेसर में तीन भाग होते हैं - पुतन्तु (filament ), परागकोष ( anther) तथा योजी (connective )|परागको
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार (Types of chemical reactions )-  रासायनिक अभिक्रियाओं के मुख्य प्रकार निम्न हैँ - 1)योगात्मक अभिक्रियाएं (Combination or addition reactions )- वे अभिक्रियाएं जिनमे दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके केवल एक न्य पदार्थ बनाते हैँ योगात्मक अभिक्रियाएं कहलाती हैँ | जैसे - S+O2=SO2 C+O2=CO2 2)विस्थापन (प्रतिस्थापन ) अभिक्रियाएं (Displacement or substitution reactions )-  वे अभिक्रियाएं जिनमे किसी यौगिक के अणु के किसी एक तत्व का parmanu या परमाणुओं का समूह के स्थान पर किसी दूसरे तत्व का parmanu या परमाणुओं का समूह आ जाता है ,विस्थापन अभिक्रियाएं कहलाती हैँ | जैसे - Zn  + CuSO4  =ZnSO4 +Cu Pb  + CuSO4  = PbSO4 +Cu 3)अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएं (Irreversible reactions )- वे अभिक्रियाएं जो केवल एक ही दिशा में संपन्न हो सकती हैँ, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएं कहलाती हैँ | जैसे - 2Na  + 2H2O  = 2NaOH  + H2  2KClO3 = 2KCl  + 3O2 4)उत्क्रमणीय अभिक्रियाएं ( Reversible reactions )-  वे अभिक्रियाएं जो दोनों  ही दिशा में संपन्न हो स
जुड़वाँ बच्चे या यमज (Twins ) जुड़वाँ बच्चे (यमज ) निम्न प्रकार के होते हैं - 1)भ्रात्रिय यमज या द्वियुग्मजी यमज ( Fraternal Twins or Dizygotic twins )-  ये अलग अलग अंडाणुओं के अलग अलग शुक्राणुओं से निषेचन द्वारा बने जाइगोट से बनते हैँ | ये एक ही लिंग या अलग अलग लिंग के हो सकते हैँ |  2)समरूप या एकयुग्मजी यमज Identical or Monozygotic Twins )- ये एक ही जाइगोट के विदलन से बने ब्लास्टोमेयर्स से बनते हैं |ये समान लिंग के होते हैँ और इनका जीनी ढाँचा बिल्कुल एक smn होता है | 3)सियामीज यमज (siamese twins )- ये समरूप यमज हैँ लेकिन  ब्लास्टोमेयर्स के पूरी तरह अलग न होने के कारण आपस में जुड़े रह जाते हैँ |आनुवंशिकी में इनका कोई महत्व नहीं है |ये भी एक ही लिंग के होते हैँ |
मेंडेल के वंशागति के नियम (Mendel's laws of Inheritance ) मेंडेल के वंशागति के तीन नियम हैँ - 1) प्रभाविता का नियम (Law of Dominance ) 2)पृथक्करण का नियम ( Law of segregation ) 3)स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम ( Law of independent assortment ) 1)प्रभाविता का नियम ( Law of Dominance )-  इस  नियम  के अनुसार जब दो विपर्यासी लक्षणों वाले दो  पौधों के बीच संकरण   कराया  जाता  है तो प्रथम पीढ़ी  में केवल प्रभावी लक्षण वाले ही  पौधे दिखाई  देते हैँ | इसे ही प्रभाविता का नियम कहा जाता है| यह नियम एक संकरण पर आधारित है             TT *   tt              \           /                 Tt 2) पृथक्करण का नियम ( Law of segregation ) -   इस  नियम के  अनुसार प्रत्येक युगल के विपरीत लक्षण  या कारक   युग्मको    के  बनते समय एक दूसरे से  पृथक होकर अलग  अलग   युग्मको में चले जाते  हैँ | इसे ही पृथक्करण का नियम कहते हैं | यह नियम एक संकरण पर आधारित है | 3) स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम ( Law of independent assortment ) -   इस   नियम के अनुसार जब दो जीव दो या दो से अधिक युग्म विकल्पी लक्षणों में
विलयनों की सांद्रता --(Concentration of solutions ) 1) द्रव्यमान प्रतिशत- 100 ग्राम विलयन में उपस्थित, ग्रामों  में विलेय की मात्रा को द्रव्यमान प्रतिशत  कहा जाता है  द्रव्यमान प्रतिशत = विलेय का द्रव्यमान /विलयन का द्रव्यमान *100 2) मोलरता -   निश्चित ताप  पर  प्रति लीटर विलयन में घुलित विलेय  पदार्थ  के मोलों की  संख्या को उस ताप पर विलयन की मोलरता कहते  हैँ  मोलरता = विलेय के मोलो की संख्या /विलयन का आयतन (लीटर में ) 3) मोललता   -प्रति किलोग्राम विलायक  में घुलित विलेय  पदार्थ  के मोलों की  संख्या को  विलयन की  मोललता कहते  हैँ  मोललता  = विलेय के मोलो की संख्या /विलायक  का भार  (किलोग्राम  में ) 4) नॉर्मलता -  निश्चित ताप  पर  प्रति लीटर विलयन में घुलित विलेय  पदार्थ  के ग्राम  तुलयाँको की संख्या को उस ताप पर विलयन की नॉर्मलता कहते  हैँ  नॉर्मलता = विलेय के ग्राम तुलयाँको की संख्या /विलयन का आयतन (लीटर में ) 5) फॉर्मलता   - निश्चित ताप  पर  प्रति लीटर विलयन में घुलित आयनिक विलेय  पदार्थ  के ग्राम  सूत्र   द्रव्यमान की संख्या को उस ताप पर विलयन की फॉर्मलता  कहते 

Biology

Biology  (जीव विज्ञान ) Biology शब्द दो ग्रीक शब्दों bios=living beings और logos= to  study से बना है जिसका अर्थ है जीवो का अध्धयन l  अतः जीव विज्ञान विज्ञान की वह शाखा है जिसमे जीवो का अध्धयन किया जाता है l  इसके जनक अरस्तू हैं  Biology शब्द दो वैज्ञानिक लैमार्क और ट्रेविरेनस ने 1801 में दिया था  जीव विज्ञान की दो शाखा हैं - 1)जंतु विज्ञान (Zoology ) (Gr.Zoon=Animals, logos =to study )  अतः जंतु विज्ञान जीव विज्ञान की वह शाखा हैं जिसमे जंतुओं का अध्धयन किया जाता हैं  इसके जनक अरस्तू हैं  2)वनस्पति विज्ञान (Botany ) (Gr. Botanus =Plants ) अतः यह जीव विज्ञान की वह शाखा हैं जिसमे पौधों का अध्धयन किया जाता हैं  इसके जनक थिओफ्रेस्टस हैं 

Phylum Arthropoda

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Phylum Arthropoda Characters- 1) Jointed legs. 2) Exoskeleton of chitinous cuticle. 3) Coelom replaced by haemocoel. 4) Open circulation. 5) Compound eye. 6) Sexes seperate. 7) Largest group. Example- Mosquito, Housefly, Honeybee Cockroach etc.

Discovery of Bacteria

Discovery of Bacteria * Bacteria was discovered by a scientist of Holland named as Antoni wan Leeuwenhack in 1683. *Leeuwenhack is known as the father of Bacteriology. *Ehrenberg gives name bacteria in1829.

Discovery of virus

Discovery of virus  Virus was discovered by a Russian scientist Ivonowasky in 1892 from Tobacco leaves.
Biochemistry The term Biochemistry was first introduced by a German chemist Carl Neuberg in 1903. It is the science concerned with the chemical nature and chemical behaviour of the living matter.