ऐलिफैटिक ऐल्डिहाइड व कीटोन के निर्माण की सामान्य विधियां

ऐलिफैटिक ऐल्डिहाइड व कीटोन के निर्माण की सामान्य विधियां

(1) एल्कोहॉल से -
(a) ऑक्सीकरण के द्वारा -
अल्कोहल का अम्लीय K2Cr2O7 या KMnO4  के द्वारा नियंत्रित ऑक्सीकरण करने पर एल्डिहाइड व कीटोन बनते हैं|
  👉  एल्डिहाइड प्राथमिक अल्कोहल के नियंत्रित ऑक्सीकरण के द्वारा बनते हैं जैसे-
                          K2Cr2O7/H2SO4
CH3CH2OH +O  ---------------------->  CH3CHO + H2O 
इस प्रकार बने एल्डिहाइडों को कार्बोक्सिलिक अम्लों में ऑक्सीकृत होने से पहले ही आसवन विधि द्वारा अलग कर लिया जाता है|
👉 द्वितीयक अल्कोहल का अम्लीय K2Cr2O7 या KMno4 के द्वारा ऑक्सीकरण करने पर कीटोन प्राप्त होते हैं जैसे-
                          K2Cr2O7/H2SO4
CH3CHOHCH3 +O  ----------------->  CH3COCH3 + H2O 

(b) ऐल्कोहल के उत्प्रेरकीय विहाइड्रोजनीकरण के द्वारा-
एल्डिहाइड तथा कीटोन को ऐल्कोहल के उत्प्रेरकीय विहाइड्रोजनीकरण के द्वारा बनाया जा सकता है| इसके अंतर्गत उचित ऐल्कोहल की वाष्प को अपचयित कॉपर के ऊपर 573K  पर प्रवाहित किया जाता है|
👉 एल्डिहाइड को प्राथमिक ऐल्कोहल के उत्प्रेरकीय विहाइड्रोजनीकरण के द्वारा प्राप्त किया जाता है जैसे-
                   Cu 
CH3OH ---------------> HCHO + H2
                   573K 

                       Cu 
CH3CH2OH ------>CH3CHO+H2
                     573K 
 👉कीटोन को द्वितीयक ऐल्कोहल के उत्प्रेरकीय विहाइड्रोजनीकरण के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है जैसे-
                                Cu 
CH3CHOHCH3 ---------------> CH3COCH3  + H2


(2) कार्बोक्सिलिक अम्लों से -
(a) कार्बोक्सिलिक अम्लों के कैल्शियम लवण के शुष्क आसवन के द्वारा-
एल्डिहाइड तथा कीटोन दोनों को कार्बोक्सिलिक अम्लों के कैल्शियम लवण के शुष्क आसवन के द्वारा बनाया जा सकता है|
👉 जब किसी कार्बोक्सिलिक अम्ल के कैल्शियम लवण तथा कैल्शियम फॉर्मेट के मिश्रण का शुष्क आसवन किया जाता है तो एक एल्डिहाइड प्राप्त होता है|
                       गर्म 
(HCOO)2Ca -----------> HCHO + CaCO3 

                                                  गर्म 
(CH3COO)2Ca + (HCOO)2Ca -----------> 2CH3CHO + 2CaCO3  

👉 सममित कीटोन को कार्बोक्सिलिक अम्लों के केवल कैल्शियम लवण के शुष्क आसवन के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है|जैसे -
                             गर्म 
(CH3COO)2Ca -----------> CH3COCH3 + CaCO3 

👉 असममित कीटोन को दो भिन्न कार्बोक्सिलिक अम्लों  (फार्मिक अम्ल के अतिरिक्त) के कैल्शियम लवणों के मिश्रण के आसवन के द्वारा बनाया जा सकता है जैसे-        


(CH3CH2COO)2Ca +(CH3COO)2Ca ----------------------> CH3CH2COCH3 + CaCO3 

(b) कार्बोक्सिलिक अम्लों के उत्प्रेरकीय अपघटन के द्वारा -
इस विधि में अम्लो की वाष्प को 573 K पर MnO  के ऊपर प्रवाहित करते हैं|
                                        MnO/573K 
CH3COOH + HCOOH -------------------> CH3CHO + CO2 + H2O 

CH3COOH + CH3CH2COOH -------------> CH3COCH2CH3 + CO2 + H2O 
👉 कीटोन बनाने के लिए फार्मिक अम्ल का प्रयोग नहीं करते हैं|


(3) एसिड क्लोराइड से -
(a) रोजेनमुंड अभिक्रिया द्वारा एल्डिहाइड का निर्माण-
एल्डिहाइड को एसिड क्लोराइड के उत्प्रेरकीय  हाइड्रोजनीकरण के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है| यह रोजेनमुंड अभिक्रिया कहलाती है| इस विधि में हाइड्रोजन गैस को उबलती हुई जाइलीन में निर्मित एसिड क्लोराइड के विलयन में बेरियम सल्फेट पर आधारित पैलेडियम उत्प्रेरक, जो क्यूनोलिन या सल्फर के द्वारा आंशिक रूप से विषाक्त होता है, की उपस्थिति में प्रवाहित करते हैं|
                        Pd/BaSO4, S 
CH3COCl + H2 -----------------> 
CH3CHO + HCl 
👉 यदि उत्प्रेरक को विषाक्त ना बनाया जाए तो अभिक्रिया में बना एल्डिहाइड सरलता से ऐल्कोहल में अपचयित हो जाएगा तथा एल्डिहाइड की जगह पर ऐल्कोहल प्राप्त होगा|
👉 इस विधि द्वारा फॉर्मेल्डिहाइड नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि कमरे के ताप पर फॉर्मिल क्लोराइड अस्थायी  होता है|
  (b)  कीटोन को रोजेनमुंड अभिक्रिया के द्वारा एसिड क्लोराइड सेेे प्राप्त नहीं किया जा सकता है फिर भी कीटोन को एसिड क्लोराइड  की  डाई मेथिल कैडमियम के साथ शुष्क ईथर  की उपस्थिति में अभिक्रिया करा कर प्राप्त किया जा सकता है | जैसे -
2CH3COCl + (CH3)2Cd ---------> 2CH3COCH3 + CdCl2 

(4) एल्कीन से -

कुछ एल्डिहाइड तथा कीटोन एल्कीन के अपचयनात्मक ओजोनीकरण के द्वारा बनाए जा सकते हैं|
👉 एल्डिहाइड को उन एल्कीन के अपचयनात्मक ओजोनीकरण के द्वारा बनाया जा सकता है जिनमें द्वि- बंध  निर्माण में भाग लेने वाले कार्बन परमाणु पर श्रृंखला नहीं होते हैं|

👉 कीटोन को उन एल्कीन के अपचयनात्मक ओजोनीकरण के द्वारा बनाया जा सकता है जिनमें द्वि बंध युक्त एक या दोनों कार्बन परमाणुओं पर श्रृंखला होती हैं|

(5) ऐल्काइन से -
एल्डिहाइड तथा कीटोन को एल्काइन के जलयोजन के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है|
👉जब ऐसीटिलीन को 333 K  पर 1% HgSO4  युक्त तनु H2SO4 में प्रवाहित किया जाता है तो यह जलयोजन के कारण ऐसीटेल्डिहाइड बनाती है|
      -                      तनु H2SO4
CH=CH + H2O ------------------>
                           HgSO4 
[CH2=CHOH] --------> CH3CHO 
 एसिटिलीन के अतिरिक्त किसी अन्य एल्काइन की  जब 1% HgSO4 युक्त तनु H2SO4 के साथ क्रिया कराई जाती है तो जल के एक अणु (मारकोनिकॉफ के नियमानुसार) का योग होता है तथा एक कीटोन प्राप्त होता है जैसे-


          -                        तनु H2SO4
CH3C=CH + H2O ------------------>
                                 HgSO4 
[CH3COH=CH2] --------> CH3COCH3
         

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