एल्डिहाइडों,कीटोनों व कार्बोक्सिलिक अम्लों का वर्गीकरण

एल्डिहाइडों,कीटोनों व कार्बोक्सिलिक अम्लों का वर्गीकरण  

(A) एल्डिहाइडों का वर्गीकरण -
एल्डिहाइडों को उनमें उपस्थित कार्बन की श्रृंखला के आधार पर दो भागों में बांटा जाता है-
(a) ऐलिफैटिक एल्डिहाइड  
(b)ऐरोमैटिक एल्डिहाइड  

(a) ऐलिफैटिक एल्डिहाइड -
 ऐसे एल्डिहाइड जिनमें -CHO समूह ऐलिफैटिक कार्बन श्रृंखला से जुड़ा होता है, उन्हें ऐलिफैटिक ऐल्डिहाइड कहा जाता है|
जैसे -
CH3CH2CHO 
(b)ऐरोमैटिक एल्डिहाइड-
ऐसे एल्डिहाइड जिनमें कम से कम एक बेंजीन रिंग अवश्य उपस्थित होती है उन्हें एरोमेटिक एल्डिहाइड कहा जाता है|
 एरोमेटिक एल्डिहाइड निम्न दो प्रकार के होते हैं-
(1) ऐसे एल्डिहाइड जिनमें -CHO  समूह सीधे बेंजीन रिंग से जुड़ा होता है|
(2) ऐसे एल्डिहाइड जिनमें -CHO  समूह बेंजीन रिंग कि किसी पार्श्व श्रृंखला से जुड़ा होता है| इन्हे एरिल एल्किल एल्डिहाइड भी कहा जाता है|  
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(B) कीटोनो  का वर्गीकरण -
कीटोनों में -CO  समूह से लगे एल्किल या एरिल समूहों के आधार पर निम्न दो भागों में बांटा जाता है-
 (1)सममित कीटोन या सरल कीटोन 
(2)असममित कीटोन या मिश्रित कीटोन 

 (1)सममित कीटोन या सरल कीटोन -
सममित कीटोन वे कीटोन होते हैं जिनमें  -CO से समान मात्रा में दोनों तरफ एल्किल या एरिल समूह जुड़े होते हैं| 
जैसे - 
CH3-CO-CH3 
C6H5-CO-C6H5
(2)असममित कीटोन या मिश्रित कीटोन -
 असममित कीटोन वे कीटोन होते हैं जिनमें -CO  समूह के दोनों तरफ अलग - अलग एरिल या एल्किल समूह जुड़े होते हैं|
जैसे -
CH3-CO-C2H5
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 कीटोनों को उनमें उपस्थित एलिफेटिक श्रृंखला या एरोमेटिक श्रृंखला के आधार पर भी निम्न दो प्रकार से बांटा जा सकता है-
(a) ऐलिफैटिक कीटोन   
(b)ऐरोमैटिक कीटोन   

(a) ऐलिफैटिक कीटोन  -
 ऐसे कीटोन  जिनमें -CO समूह के दोनों ओर केवल ऐलिफैटिक कार्बन श्रृंखला जुड़ा होता है, उन्हें ऐलिफैटिक कीटोन कहा जाता है|
जैसे -
CH3CH2-CO-CH3
(b)ऐरोमैटिक कीटोन -
ऐसे कीटोन  जिनमें कम से कम एक बेंजीन रिंग अवश्य उपस्थित होती है उन्हें एरोमेटिक कीटोन  कहा जाता है|
 एरोमेटिक कीटोन निम्न दो प्रकार के होते हैं-
(1) एरिल एल्किल कीटोन -
ऐसे कीटोन  जिनमें -CO  समूह के एक ओर  बेंजीन रिंग व दूसरी ओर एल्किल समूह  होता है|
जैसे - 
CH3CH2-CO-C6H5
(2) डाई एरिल कीटोन -
ऐसे एल्डिहाइड जिनमें -CO समूह के दोनों ओर केवल बेंजीन रिंग जुड़ा होता है| इन्हे डाई एरिल कीटोन कहा जाता है|  
जैसे -
C6H5-CO-C6H5

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(C) कार्बोक्सिलिक अम्लों का वर्गीकरण -

कार्बोक्सिलिक अम्लों  को उनमें उपस्थित कार्बन की श्रृंखला के आधार पर दो भागों में बांटा जाता है-
(a) ऐलिफैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल 
(b)ऐरोमैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल 

(a) ऐलिफैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल -
 ऐसे कार्बोक्सिलिक अम्ल  जिनमें            -COOH समूह ऐलिफैटिक कार्बन श्रृंखला से जुड़ा होता है, उन्हें ऐलिफैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल  कहा जाता है|
जैसे -
CH3CH2COOH  
(b)ऐरोमैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल- 
ऐसे कार्बोक्सिलिक अम्ल  जिनमें कम से कम एक बेंजीन रिंग अवश्य उपस्थित होती है उन्हें एरोमेटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल कहा जाता है|
 एरोमेटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल  निम्न दो प्रकार के होते हैं-
(1) ऐसे कार्बोक्सिलिक अम्ल  जिनमें      -COOH  समूह सीधे बेंजीन रिंग से जुड़ा होता है|
(2) ऐसे कार्बोक्सिलिक अम्ल  जिनमें       -COOH  समूह बेंजीन रिंग कि किसी पार्श्व श्रृंखला से जुड़ा होता है|
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 कार्बोक्सिलिक अम्लों को उनमें उपस्थित -COOH की संख्या के आधार पर निम्न भागों में बांटा जा सकता है -
(1) मोनो कार्बोक्सिलिक अम्ल-  ऐसे कार्बोक्सिलिक अम्ल  जिनमें केवल एक ही -COOH समूह होता है उन्हें  मोनो कार्बोक्सिलिक अम्ल कहा जाता है|
जैसे -
CH3CH2-COOH

(2) डाई कार्बोक्सिलिक अम्ल-  ऐसे कार्बोक्सिलिक अम्ल जिनमें दो -COOH समूह होता है उन्हें डाई कार्बोक्सिलिक अम्ल कहा जाता है|
जैसे -
CH2-COOH
 |
CH2-COOH 

(3) ट्राई कार्बोक्सिलिक अम्ल-  ऐसे कार्बोक्सिलिक अम्ल जिनमें तीन -COOH समूह होता है उन्हें  ट्राई  कार्बोक्सिलिक अम्ल कहा जाता है|
जैसे -
CH2-COOH
 |
CH2-COOH 
 |
CH2-COOH 

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